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सर्वरोगनाशक है भक्तामर स्तोत्र -(पद 45) 27 बार सुने बीमारियां दूर होंगी | Bhaktammr shlok rog nashak
भक्तामर स्त्रोत श्लोक 45 (27 बार) । Bhaktamar Strotra 45th Shloka (27 times)
भक्तामर स्त्रोत श्लोक 45 (27 बार) || Bhaktamar Strotra 45th Shloka 27 times || सर्वरोगनाशक
कैंसर 45 दिन में समाप्त | Bhaktamar stotra| रोग नाशक मंत्र| Rog Nashak Mantra| cancer (Chemotherapy)
भक्तामर स्तोत्र श्लोक no 17 पार्ट 2 सर्व रोग नाशक, समस्याएं अनेक,उपाय एक,27बार उच्चारण,मंत्र सहित
सर्व रोग निवारक मंत्र। भक्तामर स्तोत्र, 45 श्लोक, सर्व रोग नाशक। कम से कम 9 बार प्रतीदिन जरूर सुनें।
सर्वरोगनाशक भक्तामर स्तोत्र - पद 45 (27 बार) । Bhaktamar Strotra 45th Shloka (27 times) #bhaktamar
भक्तामर स्त्रोत श्लोक 45 (108 बार) । Bhaktamar Strotra 45th Shloka (108 times)
भक्तामर स्तोत्र (संस्कृत) Bhaktamar Stotra in 9 Minutes
रिद्धि मंत्र जाप (108 बार) | Jain Riddhi Mantra Jaap || भक्तामर स्तोत्र पद 45 के पश्चात नित्य जाप॥
भयानक, असाध्य रोगों का एक इलाज ; ऋद्धि मंत्र का उच्चारण प्रारंभ कर देवें। Cancer, TB, Sugar Cured
Bhaktamar Stotra Shloka 17 with lyrics | Mantra for curing gastro intestinal tract diseases